
Share0 Bookmarks 53 Reads0 Likes
जिंदगी रेत सी फिसलती जा रही है,
उम्र शाम की तरह ढलती जा रही है,
बस में मेरे अब कुछ भी नहीं है ,
सबकुछ यहां पे बदलती जा रही है ।
No posts
No posts
No posts
No posts
जिंदगी रेत सी फिसलती जा रही है,
उम्र शाम की तरह ढलती जा रही है,
बस में मेरे अब कुछ भी नहीं है ,
सबकुछ यहां पे बदलती जा रही है ।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments