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कितने अफसोस की बात है
हम हिन्दुस्तानी हिन्दोस्तां में रहते हुए भी अपनी ही राष्ट्रभाषा को भूलते जा रहे है,
आज के युवा पीढ़ी तो हिंदी से जैसे वंचित ही हो गए है
विधालयो मे भी हिंदी भाषा पर जोड़ न देकर अंग्रेजी भाषा का महत्व दिया जा रहा है ,
अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हिंदी भाषा बोलने No posts
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