गौरैया's image
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रोज सवेरे गौरैया आती

खिड़की पे वो बैठ है जाती

चीं चीं कर के शोर मचाती

इस तरह से मुझे जगाती ,

रोज सवेरे गौरैया आती

खिड़की पे वो बैठ है जाती

चावल के दाने चुग जाती

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