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डर एक ऐसी अनुभूति है
जो हर किसी के जहन में होती ही है,
हर एक व्यक्ति किसी ना किसी चीज से डरता ही है,
और जब डर हावी हो जाता है तो
लोग जिदंगी से हार जाते है,
मेरा भी एक बचपन से डर था
था क्या अब भी है
मुझे खुली सीढ़ीयो से डर लगता है
और मैं आज भी इस डर को खुद पे
हावी होने से रोक नही पाता हूँ ।
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