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हम उनकी तारीफ मे चंद नज्मे बोल गए,
उन्होंने कहा कहां से चोरी किया है,
अब उन्हे हम क्या बताएं
कि ये नज्मे हमारी थी
उन्हे तो हमपे यकीन ही नही
कोई कहे जरा उनसे
अभी ऐसी भी नौबत नही आयी
कि उनकी तारीफ मे नज्मे भी पढू
तो वो भी चोरी की हो ।
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