ऐसी ही जिंदगी's image
Poetry1 min read

ऐसी ही जिंदगी

Shikha SinghShikha Singh April 23, 2022
Share0 Bookmarks 47692 Reads1 Likes

हां मैं ऐसी ही जिंदगी चाहता हूँ

मैं थका-हारा काम से वापस आऊं

आते ही मैं सोफे पे धम्म से बैठ जाऊं

और मुझमे इतनी भी ताकत ना रहे

कि मैं और कुछ कर सकूं,

हां मुझे ऐसी ही जिंदगी की लालसा है

जिसमें किसी चीज की फिक्र ही ना रहे,

दुखो पर ध्यान तो बिल्कुल न जाएं,

मैं खुद को थकाकर सबकुछ भूल

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts