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ज़िन्दगी बे सबब उलझती है
ख़वाहिशे ले के क्यों बिखरती है
ज़िन्दगी को ना हम समझ पाये
ज़िन्दगी उल्टी चाल चलती है
जब भी तन्हा सफ़र में होती हूँ
आपकी याद साथ चलती है
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ज़िन्दगी बे सबब उलझती है
ख़वाहिशे ले के क्यों बिखरती है
ज़िन्दगी को ना हम समझ पाये
ज़िन्दगी उल्टी चाल चलती है
जब भी तन्हा सफ़र में होती हूँ
आपकी याद साथ चलती है
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