
Share0 Bookmarks 38 Reads0 Likes
उसका एहसास मर भी सकता है
बात से वो मुकर भी सकता है
देख आमाल नस्ले आदम के
आज शैतान डर भी सकता है
फूल लब पर रखो दुआओं के
दौरे मुश्किल गुज़र भी सकता है
है यक़ीन उसको दोस्तों पे बहुत
टूट कर वो विख़र भी सकता है
दौरे हाज़िर है ख़ुद परस्ती का
हद से इन्सां गुज़र भी सकता है
ऐ सना आज खुल के रोने से
बोझ दिल का उतर भी सकता है
शिबली सना
प्रयागराज(इलाहाबाद)
follow -- Twitter/insta/FB
@shiblisana
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments