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वैदिक नियम महिलाओं को सम्मान नही देते हैं
उन लोगों को आज कुछ सच्चाई बता देते हैं
सात फेरे जो जिंदगी मतलब हम सबको समझाते हैं
चार तीन से मैच आखिर में नारी को जिता देते हैं!!
नारी को सदैव पूजा में दाएं अंग ही स्थान देते हैं
बिना हाथ लगाए देवता भी आहुति नही स्वीकारतें हैं !!
घर तो छोड़ो हर अनुष्ठान में स्त्री को आगे रखते हैं
पार्वती-शंकर लक्ष्मी-नारायण हो या सीता-राम
वैदिक संस्कृति में देवता से पहले देवी का नाम लेते हैं !!
भारती शंकराचार्य मंडन के शास्त्रार्थ का फैसला सुनाती है
जनकसभा में विदुषी गार्गी याज्ञवल्क्य स्वतंत्र संवाद करते हैं!!
माता ही प्रथमा गुरु का प्रमाण हमारे वेदों में मिलता है
शास्त्रानुसार जहां पूजा नारी की हो वहीं ईश्वर बसते हैं !!
वैदिक नियम महिलाओं को सम्मान नही देते हैं
उन लोगों को आज कुछ सच्चाई बता देते हैं !!
शैलेंद्र शुक्ला"हलदौना"
ग्रेटर नोएडा
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