Share0 Bookmarks 218552 Reads3 Likes
तुम साल दर साल
सरल होते जाते हो !!
जितना ज्यादा सोचता हूं तुम्हें
तुम उतने विशाल होते जाते हो!!
तुम समुंदर से हो गए हो
सब कुछ खुद में समेटे जाते हो!!
तुम मधुशाला की तरह हो
आपस का फर्क मि
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments