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क्यों जिये जा रहा हूं इल्म नही मुझको
पर हां में उठ जाता हूं सुबह वक्त पर
मंजिल की कोई खबर नहीं है मुझको
पर हां रुकता नही कहीं भी पल भर
शामिल नहीं करता वो किसी बात में मुझको
लेकिन साथ नहीं छोड़ता उसका क्षण भ
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