Share0 Bookmarks 108866 Reads1 Likes
तांडव मौत का देखो है हर तरफ
जिंदगी रोज जीती है डर डर कर !!
अंधेरों की सूरज से हो गई है सुलह
चांद और चांदनी में हो गई है कलह
सच नाचता है झूठ की महफिलों में
हुनर गिड़गिड़ा रहा धनी कदमों में
बह रही है लूट की हवा हर तरफ
इन्सानियत मर रही है रह रह कर !!
तांडव मौत का देखो है हर तरफ
जिंदगी रोज ज
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments