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झूठ में था में भी अब शामिल
सच से अब बात नही बनती!!
अंधेरों का बोल बोला है अब
उजाले में आंखे नही खुलती!!
जमीर बेच दिया झूठ के बाजार में
सच की कीमत अब नहीं मिलती!!
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