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किसी की मुस्कान खरीदने दुनिया में निकले हो
खुश खुद कितने तुम जरा ये तो हिसाब लगाना !!
दौलत से मिलती खुशियां तो महलों में ना होता कभी वीराना
सोने से पेट जो भरते खेतों में कभी ना उगता अन्न का दाना
हथियारों से मिलती शांति तो मंदिर ना होता किसी का जाना
किसी की मुस्कान खरीदने दुनिया में निकले हो
खुश खुद
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