
Share0 Bookmarks 36 Reads2 Likes
आज नही तो कल बनूंगा में समुंदर
कुछ नदियों को अपनी ओर मोड़ लू !!
मेरी आवाज को पहुंचने में लगेगा वक्त
बस जुवां पर थोड़ा मीठा शहद घोल लूं!!
रहूं या ना रहूं पर याद सब याद करेंगे मुझे
लोगों के दिलों तक पहुंचने के रास्ते खोज लूं !!
मौत आयेगी बेशक मुझको है मालूम
बस जिंदगी जीने की वजह जान लूं!!
कितना करना है तय सफर इस दुनियां में
नापने के लिए मुहोब्बत का पैमाना ढूंढ लूं!!
शैलेन्द्र शुक्ला"हलदौना"
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments