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कितना रोया कितना चीखा
फिर भी मुझ तरस ना आया
मेरा कसूर सिर्फ इतना था
क्योंकि मैं कश्मीरी हिन्दू था !!
इज्जत लूटी फिर घर लूटा
उसके बाद फिर कश्मीर छूटा
मेरा कसूर सिर्फ इतना था
क्योंकि मैं कश्मीरी हिन्दू था !!
अपने आप से ही था शर्मिंदा
क्यों मैंने इनको गले लगाया
जिनको हमने अपना समझा
उसने खुलेआम चाकू घोंप
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