कुकाल...'s image
सच को सच कहना भी मुश्किल हो गया है 
झूठ कुछ इस तरह हम पर हावी हो गया है !!
बात होती है  ऊंचे आसमान में उड़ने की
पर  जमीन पर चलना मुहाल हो गया है!!
हर एक को है शिकायत है अब अपनों से
क्या प्रेम का पैमाना  तंगहाल हो गया है !!
वक्त की कमी हो गई है हर आमों खास पर
क्या जिंदगी में इतना अब बबाल हो गया है !!
पहचान भी पहनावे की मोहताज हो गई
काबलियत पर क्या कुकाल आ गया है !!
बैठ जाते घुटनों के बल अहरिमन के आगे
क्या खून में उबाल कुछ कम हो गया है !!
सच को सच कहना भी मुश्किल हो गया है 
झूठ कुछ इस तरह हम सब हावी हो गया है !!
शैलेंद्र शुक्ला"हलदौना"

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts