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क्यों नाराज हूं खुद से जवाब नही आता
परेशान हूं खुद से कुछ समझ नही आता!!
जो तय किए थे नियम कभी अपने लिए
उनको अब हमसे निभाया नही जाता !!
कुछ तो बदला इन दिनों हम दोनों के दरमियां
वरना पास रहकर भी यों फासला ना होता!!
कभी हाथ संभालने की होती थी बातें
अब वही हाथों से निशाना बनाया है जाता!!
दूर कितने निकल गए तुम पता ही नहीं चला
आवाज देने का भी अब असर नहीं है होता !!
कभी कुछ पलों का इंतजार सदियों सा था
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