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ख्वाहिशें जिंदगी,जिंदगी ख्वाहिशें
मौत से वो भला फिर हम क्यों डरे !!
सुबह से शब, होता फिर सवेरा
आसमां में हर रात तारों का मेला
जिंदगी में नए रंग क्यों हम ना भरे!!
ख्वाहिशें जिंदगी,जिंदगी ख्वाहिशें
मौत से वो भला फिर हम क्यों डरे !!
चांद से भी कभी रूठा है चकोर
बादलों को कभी भूला है जो मोर 
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