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लौटकर जाऊं कहां नहीं आता है समझ
मंजिल की खबर नही भूल गया हूं रास्ते !!
सोचकर में जब चला था सोच मेरी और थी
ठोकरों ने समझाई हैं जिंदगी की कीमतें!!
मेरा दावा था कि दुनियां क
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