झूठ से भरे खेत हैं हम !!'s image
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अपनी ही गिरफ्त में हैं हम
दिखते भरें पर रिक्त हैं हम!!
कहने को तो एक ही हैं हम
पर खुदगर्जी में व्यस्त हैं हम!!
बात करता है सच की हर कोई
पर झूठ से भरे खेत हैं हम !!
सच का मुखौटा झूठ पर सजाकर
अपनों को ही लूटते  हैं हम !!
बात करते फिरते साथ चलने की अक्सर
कारवां में भी तनहा खुदको रखते हैं हम!!
जिंदगी साथ जीने की बात हैं करते
मौत से हर पल घबराते हैं हम !!
यों तो खाते हैं जीने मरने की कसमें 
 सफर में अकेले निकल जाते हैं हम!!
अपनी ही गिरफ्त में हैं हम
दिखते भरें पर रिक्त हैं हम!!
शैलेंद्र शुक्ला"हलदौना"













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