Share0 Bookmarks 54932 Reads3 Likes
वो खुदको कहता था समुद्र
लेकिन लौट कर कभी ना आया!!
बन बैठा था जो मेरा मुंसिफ
उसी ने मेरा कत्ल है करवाया!!
जिसने कभी दी थी उम्मीद
उसी ने मुझे सरेआम ठुकराया!!
आजादी की आस जिसने जगाई
उसीने
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments