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करता हूँ मैं फ़रेब मगर तुमको इससे क्या।
कुछ भी हों मुझमें ऐब मगर तुमको इससे क्या।
तुम मयकदे में जाकर खूब रोकड़ा उड़ाओ
ख़ाली हो मेरी जेब मगर तुमको इससे क्या
मतीन अहमद 'मतीन'
कुछ भी हों मुझमें ऐब मगर तुमको इससे क्या।
तुम मयकदे में जाकर खूब रोकड़ा उड़ाओ
ख़ाली हो मेरी जेब मगर तुमको इससे क्या
मतीन अहमद 'मतीन'
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