Share0 Bookmarks 0 Reads3 Likes
मझधार में डूबुंगा तो साहिल से मिलूंगा
है खुद पे भरोसा मुझे मंज़िल से मिलूंगा
आयेंगे ज़िन्दगी में कभी धूप कभी छांव
हर धूप को मैं छांव के आंचल से मिलूंगा
हर जीत का जशन तो मनाऊंगा मैं हरदम
हार को भी मुस्कुरा के त
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments