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सनम के मुक्तक

Shashank ManiShashank Mani October 2, 2022
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जबसे उनसे इश्क हुआ है, मुझको कोई जमा नहीं
दिल उनकी चाहत में डूबा, किसी और में रमा नहीं।।
क्या बतलाऊँ ‘सनम’ तुझे मैं, उनके रंग रूप की बात
जब से देखा उनका मुखड़ा, चाँद मुझे फिर जमा नहीं।।

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