ख्वाहिश -ए-सनम's image
Share0 Bookmarks 195381 Reads1 Likes



चाँद सा सुन्दर रूप देखकर हमको उनसे प्यार हुआ

झील सी गहरी आँखों से फिर आँखों ने इजहार किया।।

 

फूलों सी कोमल काया की दिल में अब तस्वीर बनी

जिसका वफा के अहसासों से मैंने है श्रंगार किया।।

 

कजरारी जुल्फें बादल सी नागिन सी मन को डसती

नीरज-दल से कोमल अधर ने दिल पर खूब प्रहार किया।।

 

अरुणोदय के लाल रवि से सुर्ख, मुलायम गाल हैं

पायल की मोहक छम-छम ने मुझ पर है उपकार किया।।

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts