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धनहीन को वस्त्र नहीं, धनवान घूमे निर्वस्त्र।
यत्र तत्र सर्वत्र।
मानव भूखा मर रहा, और ख़ूब बिक रहे अस्त्र।
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धनहीन को वस्त्र नहीं, धनवान घूमे निर्वस्त्र।
यत्र तत्र सर्वत्र।
मानव भूखा मर रहा, और ख़ूब बिक रहे अस्त्र।
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