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जनसेवा की लालसा
जनसेवा करने की भावना आज मेरे हृदय में आयी
इसलिए गांधी जी की तस्वीर मैंने घर मैं लगवाई।
खद्दर का कुर्ता पायजमा सिलवाया
और गाँधी टोपी भी मँगवाई।
अपना परचम बुलंद करने के लिए
शहर में दंगा करवाया और थाने में आग भी लगवाई।
स्वयं की साधन सम्पन्नता बड़ाने हेतु
बाज़ार से उगाही एवं बैंक से लोन हड़पने के लिए फ़ाइल भी चलवाई।
सभी समुदाय में घुसपैठ हो मेरी, उसके लिए
विभिन्न आकार प्रकार एवं रंगो की टोपियाँ भी सिलवाईं।
सभी राजनीतिक दलों का ध्यान आये मेरे ऊपर
उसकेलिए किड्नैपिंग और गुण्डागर्दी भी करवाई।
इन सभी कलाओं में संपन्न होने के बाद
पार्टी ऑफ़िस में चुनावी टिकट की अर्ज़ी लगवाईं।
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