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मैं खोजूंगा तुम्हें
सुबह की ताजगी में,रात की थकान में
तितलियों के रंगों में, पंछियों की उड़ान में
पहाड़ों में, कंदराओं में,
खुसबुएं बिखेरती हवाओं में
तुम खोजना मुझे
हमेशा अपनी आंखों में
आईने को देखकर।
- विकाश शर्मा
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