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Romantic PoetryPoetry1 min read

आज कुछ अजीब हुआ

sharmageeta0510sharmageeta0510 May 11, 2023
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आज कुछ अजीब हुआ

पास तू था मगर

आज और करीब हुआ

क्‍या जाने क्‍या लिखा

पर दिल का नसीब हुआ

अपने पराये का फर्क

खत्‍म करने की तरकीब हुआ

प्‍यार की मंजिल तलाशता

दिल किसी फकीर सा गरीब हुआ

चैन खोया नजर मिली तो

ये दिल मेरा ही होकर क्‍यों मेरा रकीब हुआ

सलीखा है…. रस्‍म है….

सामने आना फि‍र मुड़ जाना

रोकना या कहना वो बात

क्‍यों न तहजीब हुआ

हां पता है आएगा तूफान कह दिया अगर

बस चुप ही रहना शायद अब तो वाजिब हुआ  

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