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तुम्हीं से सुकून हमारी रूह को, जिस्म में हरकत भी तेरी घड़कन से पाई हमने
हर्फ़ों को तुम्हारे, अल्फाज बनाए हैं हमने अपने, खामोश जब से तुम हो यकायक !
हर्फ़ों को तुम्हारे, अल्फाज बनाए हैं हमने अपने, खामोश जब से तुम हो यकायक !
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