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रुक सी गई हैं तेरे बगैर मेरी जिंदगी,
वक्त का पहिया चाहे न रुके!
मैं फिर भी ठहर गई हूँ वही,
जहाँ छोड़ गये हो तुम!
क्या पता कल तू आये!
बस इसी ख्याल से आज भी मैं,
तेरे लिए खड़ी हूँ वहीं!
रुक सी गई हैं तेरे बगैर मेरी जिंदगी, No posts
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