Share0 Bookmarks 31459 Reads0 Likes
शोर हर तरह था सामना जब भी होगा
जलते इस इस रणभूमि में सकुनी ही घी होगा
जलेगा सारा कुरुवंश बचेगा एक ही अंश
मुरलीधर जिस ओर होगा,विजयी वहीं होगा
पितामह थक कर बोले, बैर के इस भवर से
दुर्योधन जो सोच रहा अब बस वहीं होगा
बिगुल का शोर होगा ,युद्ध घनघोर होगा
नर का संहार करने ,निकलेंगे कुछ राजप्रेमी
अर्जुन एक ओर होगा,गुरू द्रोड़ दूसरी ओर
नियति जो चाहेगी, अब बस वहीं ह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments