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यौवन
सहस्त्र ही यौवन मदमया
भ्रमर ने आकांक्षाये भी पाली II
मादकता के इस श्यामल मन में
नयनों का प्रभुत्व, सावन के ह्रदय पर II
यौवन का स्पर्श था या नभ का आलिंगन
ललाट का तेज और मुख की मोहकता II
कामिनी कोमल ह्रदय में उद्धत छाया
रसाधर होठों का स्पर्श, सावन के ह्रदय पर II
तृष्णा नवयौवनाओं के साश्वत
कवियों के मन को मरमाता II
शस्य श्यामल रूप की माया
हो कल्पना सी मिचलाती, सावन के ह्रदय पर II
झंझावतों के आँचल में
रश्मियों की मोहक चंचलता II
यौवन के सागर में डूबी
प्रियम्बदा हो, सावन के ह्रदय पर II
शाहनवाज़ अहमद
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