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सब पहचानते हैं

shahnawaz ahmadshahnawaz ahmad April 3, 2023
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सब पहचानते हैं............


सच की बुनियाद क्या है सब जानते हैं,

झूठ की हकीकत कहाँ सब पहचानते हैं |

 

नफरत भरी है जिनकी आँखों में सह्सलह,

प्यार की भाषा भला वो कहाँ पहचानते हैं |


दोस्त बनकर, दुश्मनी निभाना हो जिनकी फितरत,

भला वो मोहब्बत की पाकीजगी कहाँ पहचानते हैं |

 

जुल्म करना जिनकी सिफ़त रही है मरतब,

वो अमन की रिवायत भला किस कदर पहचानते हैं |


हर बात में हिकारत, हर बात में तकब्बुर हो जिनकी,

वो समुन्दर हैं , भला नदी की धार को कहाँ पहचानते हैं |

 

आधियाँ आने को है संभल जाओ, हवाओ का इंतजार न करो,

उड़ जाएगा हर कुनबा, भला वो अपना पराया कहाँ पहचानते हैं |   


शाहनवाज़ अहमद

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