खता's image
Share0 Bookmarks 31412 Reads0 Likes

ख़ता

फ़कत इतनी सी खता आज मुझसे हो गई

सियासत के नुमाया को ही अदाया बोल गई

मेरी आँखों के सामने जो हुआ था उन दिनों

उसकी हकीकत आज मुझसे बयाँ हो गई ||

मेरे हर अल्फाज में सिसकियाँ थी बरहम,

हर पल था बीता नस्तर सा चुभोता

किसी अनजान सूरत की जुल्म की इन्तहा,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts