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कुछ कहना है, पर कैसे कहूं,
कैसे अपने दिल की बात बयाँ करूं |
नजरों से जिनकी बात समझता था
उनको दिल-ए- हाल कैसे बयाँ करू |
कहने को तो बातें बहुत हैं सारी,
सोचता हूँ, आज कहाँ से शुरू करू |
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