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तू बड़े इत्मिनान से
कड़े इम्तेहान लेता है,
तू बस चलता रहता है
तुझे दूसरा और क्या आता है.
तेरे साथ चलते हुए
मुझे कई क़िरदार ,
कई जिम्मेदारियां भी निभानी है
और तेरे अच्छे बुरे में
सब कुछ संभालना भी है....
तेरे गुजरने और
मेरे गुजरने में फर्क है
तू सिर्फ गुजर जाएगा
और मुझे गुजरने से पहले
बहोत कुछ कर गुजरना है....
शहरयार नीरज..
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