रेत और वक़्त's image
Share0 Bookmarks 44286 Reads0 Likes
टहलते हुए
समुन्दर किनारे पहुँचा
विशालकाय रेत की रियासत से
रुबरू हुआ.
अरसों तक पानी और सैलाबों से लड़ते झगड़ते
आखिर, 
पत्थर महीन सी रेत  बन गए थे. 

उस रेत के समुन्दर को देख
जहन में ख़याल आया...
इंसान को भी वक़्त 
इस रेत के समुन्दर सा लगता है,
कभी ख़त्म ही नही होगा
ऐसा हमेशा लगता है.
कोई वक़्त काटता है तो
कोई वक़्त गुज़ारता है,
रेत पर कोई दूर तक अकेला चलता है
या किस

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts