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सीख लिया हैं मैंने जीना,
ज़िंदगी के किरदारो के क़िरदार का क़िरदार बनकें,
किसी की ख़ुशी का हिस्सा बना, किसी के गमों का भार बनके,
अच्छा नहीं हूँ मैं, ना मैंने अच्छा होने की फ़ितरत पाली है,
एक क़िरदार में ढलकें बस इंसान होने की ख़ुशबू लगा ली है,
आज ना मैं चौरहों में मिलता हूँ, ना हँसी ठिठेलों की रहों में मिलता हूँ
अकेला नहीं हूँ, बस अकेलें होने का ठप्पा लगा लिया हैं मैंने
रिश्ता टूटें से दुःख होता हैं, इसलिए ख़ुद ही पर्दा लगा लिया है मैंने
हर चेहरा साफ़ है मेरी निगहों में, पर सबको बताया भी नहीं जाता
उस धूल से बचने के लिये नज़रों पे नज़रों का चश्मा लगा लिया हैं मैंने
बनके राही इस राह का, अपनी राह को सज़ा लिया है मैंने
ख़ाने कों दो वक़्त की रोटी, ख़ुद कों नौकर बना लिया है मैंने
सीख लिया हैं मैंने जीना,
ज़िंदगी के किरदारो के क़िरदार का क़िरदार बनकें,
किसी की ख़ुशी का हिस्सा बना, किसी के गमों का भार बनके।
ज़िंदगी के किरदारो के क़िरदार का क़िरदार बनकें,
किसी की ख़ुशी का हिस्सा बना, किसी के गमों का भार बनके,
अच्छा नहीं हूँ मैं, ना मैंने अच्छा होने की फ़ितरत पाली है,
एक क़िरदार में ढलकें बस इंसान होने की ख़ुशबू लगा ली है,
आज ना मैं चौरहों में मिलता हूँ, ना हँसी ठिठेलों की रहों में मिलता हूँ
अकेला नहीं हूँ, बस अकेलें होने का ठप्पा लगा लिया हैं मैंने
रिश्ता टूटें से दुःख होता हैं, इसलिए ख़ुद ही पर्दा लगा लिया है मैंने
हर चेहरा साफ़ है मेरी निगहों में, पर सबको बताया भी नहीं जाता
उस धूल से बचने के लिये नज़रों पे नज़रों का चश्मा लगा लिया हैं मैंने
बनके राही इस राह का, अपनी राह को सज़ा लिया है मैंने
ख़ाने कों दो वक़्त की रोटी, ख़ुद कों नौकर बना लिया है मैंने
सीख लिया हैं मैंने जीना,
ज़िंदगी के किरदारो के क़िरदार का क़िरदार बनकें,
किसी की ख़ुशी का हिस्सा बना, किसी के गमों का भार बनके।
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