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वो क्या गया कि रंगत-ए-बाग़ात भी गई

Shadab AhmadShadab Ahmad September 6, 2021
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क़िस्मत  से  मेरे  इश्क़  की  सौग़ात  भी  गई
वो  क्या  गया  कि   रंगत-ए-बाग़ात  भी  गई

मैंने अब अपने अश्कों को पत्थर बना  लिया
अब   तो  मिरे  नसीब  की  बरसात  भी  गई

अब दिल नहीं धड़कता उसे  देखने  के  बाद
सीने   से   मेरे  &n

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