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जब दिल उदास होने लगे क्या करे कोई
तनहाइयों में बैठ के रोया करे कोई
मैं चाहता नहीं कि मिरा ग़म कोई सुने
मैं चाहता नहीं तुम्हें रुसवा करे कोई
करता है अब तवाफ़ किसी और ज़मीं का चाँद
अब दूर से ही चाँद को देखा करे कोई
हसरत में अब किसी की न तड़पा करूँगा मैं
मेर
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