
Share0 Bookmarks 76 Reads1 Likes
ये चंदन की खुशबू कहा से है आई
दूधिया इस बदन को भी धोया है क्या
जो लटकती है काली ये जुल्फें तुम्हारी
तुमने शबनम से इनको भिगोया है क्या
एक आशिक नशे में है पागल पड़ा
इश्क में तुमने उसको डुबोया है क्या
मर न जाए कहीं वो तड़प में तेरी
प्यार इतना किसी ने संजोया है क्या
आखिरी बार उससे समझ लो जरा
इस मोहब्बत के बदले में खोया है क्या।
-शाद गाज़ी
दूधिया इस बदन को भी धोया है क्या
जो लटकती है काली ये जुल्फें तुम्हारी
तुमने शबनम से इनको भिगोया है क्या
एक आशिक नशे में है पागल पड़ा
इश्क में तुमने उसको डुबोया है क्या
मर न जाए कहीं वो तड़प में तेरी
प्यार इतना किसी ने संजोया है क्या
आखिरी बार उससे समझ लो जरा
इस मोहब्बत के बदले में खोया है क्या।
-शाद गाज़ी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments