
Share0 Bookmarks 38 Reads0 Likes
एक लड़की जिसको हर काम करने की आजादी है
पर बात शादी की है, तब उसे कुछ कहने की आजादी नहीं,बात घर की हो या बाहर की
उसे कुछ बोलने की आजादी नहीं, ये कहा क्या
न्याय है साहब, शादी मां बाप की सहमती,
उनके पसंद के लड़के से हो, इस बात से लड़कियों को कोई दिक्कत नही, पर? लड़की को उस शादी से दिक्कत है ये बोल दे तो बुरी? मैं ये नही कहती की
शादी मत करो, पर देख तो लो लड़की खुश है या नहीं, ना जाने ऐसा रीत किसने बनाई, सब तो ठीक है
मगर लड़की अपने मन की बात कहे तो बुराई
ये तो गलत बात है मेरे तरीके से, मगर घर वालो
दुनिया वालो की नजर में ,वो लड़की बहुत बुरी है
क्यो बुरी है उसे जीने का हक नहीं है उसे अपने मन की बात कहने की आजादी नहीं है???
क्या उसे अपने तरीके से सोचने की आजादी नहीं है??
पर बात शादी की है, तब उसे कुछ कहने की आजादी नहीं,बात घर की हो या बाहर की
उसे कुछ बोलने की आजादी नहीं, ये कहा क्या
न्याय है साहब, शादी मां बाप की सहमती,
उनके पसंद के लड़के से हो, इस बात से लड़कियों को कोई दिक्कत नही, पर? लड़की को उस शादी से दिक्कत है ये बोल दे तो बुरी? मैं ये नही कहती की
शादी मत करो, पर देख तो लो लड़की खुश है या नहीं, ना जाने ऐसा रीत किसने बनाई, सब तो ठीक है
मगर लड़की अपने मन की बात कहे तो बुराई
ये तो गलत बात है मेरे तरीके से, मगर घर वालो
दुनिया वालो की नजर में ,वो लड़की बहुत बुरी है
क्यो बुरी है उसे जीने का हक नहीं है उसे अपने मन की बात कहने की आजादी नहीं है???
क्या उसे अपने तरीके से सोचने की आजादी नहीं है??
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments