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रोहिणी खुशहाल लड़की थी, जब पैदा हुई थी
पूरे परिवार में खुशी का माहौल था उसकी दादी
पूरे घर को माथे पर उठा लिया था, क्योंकि वर्षो बाद
उनके घर में लड़की जन्म हुआ था,..रोहिणी की दादी उसको दिन भर आपने सीने से लगा के रखती...एक क्षण के लिए भी अपनी आंखो से ओझल नहीं होने देती,रोहिणी की मां को कुछ गंभीर समस्या थी ...जिसके चलते वो रोहिणी के पैदा होने के कुछ दिन बाद ही इस दुनिया को अलविदा कह दी... रोहिणी का लालन पालन उसकी दादी के ऊपर आई,घर में खुशी के माहौल के बीच उसकी मां जाना पूरे परिवार को तोड़ के रख दिया था,घर एक तरफ खुशी था तो दूसरे तरफ ,दूसरे तरफ बहुत बड़ा पहाड़ टूट गया था,
पूरे परिवार अपने आप को जैसे तैसे संभाला.. पर रोहिणी के पिता आज तक अपनी पत्नी को भुला ना सके ना ही रोहिणी को अपना सके पूरे दिल से...
रोहिणी बहुत सुलझी हुई लड़की थी, एक बार जिससे मिलती उसको अपना बना लेती.. मगर उसके अपने उसको हर बात पर तना देते....पर दादी उसके लिए सब कुछ थी, वो हर बात पर रोहिणी को सपोर्ट करती,रोहिणी पढ़ने काफी अच्छी थी पर उसकी पिता के साथ देने से वो पढ़े छोड़ ...घर के कामों में अपनी दादी का हाथ बटाती, अगर उसकी दादी होती तो मिल जाता खाने को ..वरन यूं ही पूरे दिन बीता जाता मगर कोई सदस्य उसको खाने को न कहता..
जैसे
पूरे परिवार में खुशी का माहौल था उसकी दादी
पूरे घर को माथे पर उठा लिया था, क्योंकि वर्षो बाद
उनके घर में लड़की जन्म हुआ था,..रोहिणी की दादी उसको दिन भर आपने सीने से लगा के रखती...एक क्षण के लिए भी अपनी आंखो से ओझल नहीं होने देती,रोहिणी की मां को कुछ गंभीर समस्या थी ...जिसके चलते वो रोहिणी के पैदा होने के कुछ दिन बाद ही इस दुनिया को अलविदा कह दी... रोहिणी का लालन पालन उसकी दादी के ऊपर आई,घर में खुशी के माहौल के बीच उसकी मां जाना पूरे परिवार को तोड़ के रख दिया था,घर एक तरफ खुशी था तो दूसरे तरफ ,दूसरे तरफ बहुत बड़ा पहाड़ टूट गया था,
पूरे परिवार अपने आप को जैसे तैसे संभाला.. पर रोहिणी के पिता आज तक अपनी पत्नी को भुला ना सके ना ही रोहिणी को अपना सके पूरे दिल से...
रोहिणी बहुत सुलझी हुई लड़की थी, एक बार जिससे मिलती उसको अपना बना लेती.. मगर उसके अपने उसको हर बात पर तना देते....पर दादी उसके लिए सब कुछ थी, वो हर बात पर रोहिणी को सपोर्ट करती,रोहिणी पढ़ने काफी अच्छी थी पर उसकी पिता के साथ देने से वो पढ़े छोड़ ...घर के कामों में अपनी दादी का हाथ बटाती, अगर उसकी दादी होती तो मिल जाता खाने को ..वरन यूं ही पूरे दिन बीता जाता मगर कोई सदस्य उसको खाने को न कहता..
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