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विरासत में मिली है खुशियां हमको,
चलो इन खुशियों को थाम लेते हैं,
चलो इन खुशियों को थाम लेते हैं,
नए नए पन्नों को छेड़ कर,
पुराने पन्नों को अल्पविराम देते हैं।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
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