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सुनहरे सपने आंखों में बसाए,
राज दिल के भीतर दबाए,
गुम रास्तों पर है निकल आए,
हस्ती हमारी कहीं दब ना जाए,
अंधेरी राहें हमें हराना जाए,
प्रकाश की किरणें रंग लाए,
अंधेरी राहों को जल्द दूर भगाएं,
हमसे हमारी पहचान करवाएं,
जो रोशन जहांन को करता है,,
आशाओं में ख्वाबों को भरता है,
समेट के पन्नों को,
उस मुकाम तक पहुंचना है,
धारा में बैठकर ही तो,
लुत्फ जीवन का उठाना है,
मन में भरी ख्वाहिशों को,
अब हमने मुकाम दिलाना है।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा जिला लुधियाना।।
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