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शिवकी लीला अपरंपार,
शिव के भरोसे चले सारा संसार,
भोले भाले होकर भी,
दुनिया को तारा है,
शिव जैसा कोई दूजा कहां,
खुद विष का पान कर,
सबको अमृत दे डाला है,
सर पर विराजे चंद्र,
त्रिशूल की धार का अंदाज निराला है,
शिव की लीला अपरंपार,
शिव के भरोसे चले सारा संसार,
जटाधारी ने हमको गंगा का वर्दी डाला है,
भीष्म पितामह से सरताज का भी नाम दे डाला है,
कानों में कुंडल बहुत ही बातें हैं,
नीलकंठ विराजे लगते बड़े प्यारे हैं,
शिवालय में है डेरा लगाया,
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