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सफलता की ऊंचाइयों पर,
धीरे धीरे पैर धरो,
लड़खड़ा ना जाए,
तुम्हारे कदम,
असफलता ना हो,
तुम्हारी जिंदगी में,
सफलतम कहला पाऊं,
सफलता की ऊंचाइयों पर,
तुम यूं ही धीरे-धीरे,
कदम अपने बढ़ाओ।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना
दोराहा (जिला लुधियाना)
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