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पानी का बुलबुला था मैं तो,
ईश्वर ने जीवनदान दिया,
मां जैसी इस प्यारी धरती पर,
रहने को स्थान दिया।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना,
दोराहा (जिला लुधियाना)
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पानी का बुलबुला था मैं तो,
ईश्वर ने जीवनदान दिया,
मां जैसी इस प्यारी धरती पर,
रहने को स्थान दिया।।
सीमा सूद ✍️ स्वरचित रचना,
दोराहा (जिला लुधियाना)
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